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विद्यार्थ्याची प्रगती हाच आमचा ध्यास....


समानार्थी शब्द

अनाथ = पोरका गोणी = पोते  भेसळ = मिलावट
अनर्थ = संकट गोष्ट = कहाणी, कथा भेदभाव = फरक
अपघात = दुर्घटना  गौरव = सन्मान   भोजन = जेवण   
अपेक्षाभंग = हिरमोड ग्राहक = गिऱ्हाईक  मदत = साहाय्य 
अभिवादन = नमस्कार, वंदन, प्रणाम  घर = सदन, गृह, निकेतन, आलय  ममता = माया, जिव्हाळा, वात्सल्य 
अभिनंदन = गौरव घरटे = खोपा मन = चित्त, अंतःकरण
अभिमान = गर्व  घागर = घडा, मडके   मजूर = कामगार 
अभिनेता = नट घोडा = अश्व, हय, वारू  महिना = मास
अरण्य = वन, जंगल, कानन   चव = रुची, गोडी महिला = स्त्री, बाई, ललना 
अवघड = कठीण चरण = पाय, पाऊल मजूर = कामगार
अवचित = एकदम चरितार्थ = उदरनिर्वाह   मस्तक = डोके, शीर, माथा  
अवर्षण = दुष्काळ चक्र = चाक   मानवता = माणुसकी 
अविरत = सतत, अखंड चऱ्हाट = दोरखंड मान = गळा  
अडचण = समस्या चाक = चक्र  मंगल = पवित्र 
अभ्यास = सराव   चंद्र = शशी, रजनीनाथ, इंदू  मंदिर = देऊळ, देवालय  
अन्न = आहार, खाद्य  चिंता = काळजी मार्ग = रस्ता, वाट
अग्नी = आग चिडीचूप = शांत म्होरक्या = पुढारी, नेता  
अचल = शांत, स्थिर चिमुरडी = लहान  मित्र = दोस्त, सोबती, सखा, सवंगडी
अचंबा = आश्चर्य, नवल चूक = दोष   मिष्टान्न = गोडधोड
अतिथी = पाहुणा   चेहरा = मुख  मुलगा = पुत्र, सुत, तनय 
अत्याचार = अन्याय चौकशी = विचारपूस  मुलगी = कन्या, तनया  
अपराध = गुन्हा, दोष छंद = नाद, आवड मुद्रा = चेहरा, मुख, तोंड, वदन 
अपमान = मानभंग छान = सुरेख, सुंदर  मुख = तोंड, चेहरा 
अपाय = इजा  छिद्र = भोक  मुलुख = प्रदेश, प्रांत, परगणा 
अश्रू = आसू  जग = दुनिया, विश्व मेहनत = कष्ट, श्रम, परिश्रम
अंबर = वस्त्र जत्रा = मेळा  मैत्री = दोस्ती
अमृत = पीयूष जन = लोक, जनता   मौज = मजा, गंमत
अहंकार = गर्व जमीन = भूमी, धरती, भुई  यश = सफलता 
अंक = आकडा जंगल = रान  युक्ती = विचार, शक्कल 
आई = माता, माय, जननी, माउली  जीव = प्राण युद्ध = लढाई, संग्राम, लढा, समर 
आकाश = आभाळ, गगन, नभ, अंबर  जीवन = आयुष्य, हयात  योद्धा = लढवय्या 
आठवण = स्मरण, स्मृती, सय जुलूम = अत्याचार, छळ, बळजोरी, अन्याय   रक्त = रुधिर 
आठवडा = सप्ताह  झाड = वृक्ष, तरू रणांगण = रणभूमी, समरांगण 
आनंद = हर्ष झोपडी = कुटीर, खोप  र्हास = हानी    
आजारी = पीडित, रोगी  झोप = निद्रा   राग = क्रोध, संताप, चीड 
आयुष्य = जीवन, हयात झोका = झुला  राजा = नरेश, नृप 
आतुरता = उत्सुकता   झेंडा = ध्वज, निशाण राष्ट्र = देश 
आरोपी = गुन्हेगार, अपराधी  ठग = चोर  रांग = ओळ 
आश्चर्य = नवल, अचंबा ठिकाण = स्थान  रात्र = निशा, रजनी, यामिनी
आसन = बैठक डोके = मस्तक, शीर्ष, शीर  रान = वन, जंगल, अरण्य, कानन
आदर = मान   डोळा = नेत्र, नयन, लोचन रूप = सौंदर्य
आवाज = ध्वनी, रव  डोंगर = पर्वत, गिरी  रुबाब = ऐट, तोरा  
आज्ञा = आदेश, हुकूम ढग = मेघ, जलद, पयोधर, अभ्र  रेखीव = सुंदर, सुबक 
आपुलकी = जवळीकता  ॠण = कर्ज  लग्न = विवाह, परिणय  
आपत्ती = संकट तक्रार = गाऱ्हाणे  लाट = लहर 
आरसा = दर्पण  तळे = तलाव, सरोवर, तडाग लाज = शरम, 
आरंभ = सुरवात त्वचा = कातडी लोभ = हाव
आशा = इच्छा तारण = रक्षण  वस्त्र = कपडा 
आस = मनीषा ताल = ठेका वारा = वात, पवन, अनिल, मारुत, समीर, वायू 
आसक्ती = लोभ तुरंग = कैदखाना, बंदिवास  वाट = मार्ग, रस्ता 
आशीर्वाद = शुभचिंतन  तुलना = साम्य  वाद्य = वाजप 
इलाज = उपाय थट्टा = मस्करी, चेष्टा वातावरण = रागरंग
इशारा = सूचना थवा = समूह  वेग = गती
इंद्र = सुरेंद्र थोबाड = गालपट    वेळ = समय, प्रहर
इहलोक = मृत्युलोक दगड = पाषाण, खडक  वेळू = बांबू 
ईर्षा = चुरस   दरवाजा = दार, कवाड वेश = सोशाख
उत्सव = समारंभ, सण, सोहळा दाम = पैसा   वेदना = यातना  
उक्ती = वचन  दृश्य = देखावा   विश्रांती = विसावा, आराम
उशीर = विलंब दृढता = मजबुती वितरण = वाटप, वाटणी 
उणीव = कमतरता दिवस = दिन, वार, वासर विद्या = ज्ञान 
उपवन = बगीचा दिवा = दीप, दीपक  विनंती = विनवणी 
उदर = पोट दूध = दुग्ध, पय विरोध = प्रतिकार, विसंगती
उदास = खिन्न द्वेष = मत्सर, हेवा  विसावा = विश्रांती, आराम  
उत्कर्ष = भरभराट देव = ईश्वर, विधाता  विश्व = जग, दुनिया  
उपद्रव = त्रास देश = राष्ट्र  वीज = विद्युर, सौदामिनी 
उपेक्षा = हेळसांड देखावा = दृश्य वृत्ती = स्वभाव 
ऊर्जा = शक्ती दार = दरवाजा  वृद्ध = म्हातारा 
ॠण = कर्ज  दारिद्र्य = गरिबी  वैराण = ओसाड, भकास, उजाड 
ॠतू = मोसम दौलत = संपत्ती, धन   वैरी = शत्रू, दुष्मन 
एकजूट = एकी, ऐक्य धरती = भूमी, धरणी  वैषम्य = विषाद 
ऐश्वर्य = वैभव ध्वनी = आवाज, रव  व्यवसाय = धंदा 
ऐट = रुबाब, डौल  नदी = सरिता   व्याख्यान = भाषण  
ओझे = वजन, भार  नजर = दृष्टी शरीर = देह, तनू, काया, कुडी, अंग
ओढा = झरा, नाला  नक्कल = प्रतिकृती शक्ती = सामर्थ्य, जोर, बळ 
ओळख = परिचय नमस्कार = वंदन, नमन   शर्यत = स्पर्धा, होड, चुरस 
औक्षण = ओवाळणे  नातेवाईक = नातलग  शहर = नगर
अंत = शेवट  नाच = नृत्य  शंकर = चंद्रचूड  
अंग = शरीर निश्चय = निर्धार  श्वापद = जनावर 
अंघोळ = स्नान  निर्धार = निश्चय  शास्त्रज्ञ = वैज्ञानिक 
अंधार = काळोख, तिमिर निर्मळ = स्वच्छ शाळा = विद्यालय 
अंगण = आवार नियम = पद्धत  शाळुंका = शिविलिंग
अंगार = निखारा निष्ठा = श्रद्धा  शेत = 
अंतरिक्ष = अवकाश  नृत्य = नाच  शिवार, वावर, क्षेत्र
कथा = गोष्ट, कहाणी, हकिकत  नोकर = सेवक शिवार = शेत, वावर 
कठीण = अवघड  परिश्रम = कष्ट, मेहनत    शीण = थकवा 
कविता = काव्य, पद्य  पती = नवरा, वर  शील = चारित्र्य
करमणूक = मनोरंजन पत्र = टपाल  शीतल = थंड, गार 
कठोर = निर्दय पहाट = उषा   शिक्षा = दंड, शासन  
कनक = सोने परीक्षा = कसोटी  श्रम = कष्ट, मेहनत  
कटी = कंबर पर्वा = चिंता, काळजी  सकाळ = प्रभात, उष:काल
कमळ = पंकज पर्वत = डोंगर, गिरी, अचल  सचोटी = खरेपणा 
कपाळ = ललाट पक्षी = पाखरू, खग, विहंग सफाई = स्वच्छता 
कष्ट = श्रम, मेहनत  प्रकाश = उजेड  सवलत = सूट 
कंजूष = कृपण   प्रवास = सफर, फेरफटका, पर्यटन सजा = शिक्षा 
काम = कार्य, काज प्रवासी = वाटसरू सन्मान = आदर 
काठ = किनारा, तीर, तट प्रजा = लोक  संकट = आपत्ती
काळ = समय, वेळ, अवधी  प्रत - नक्कल संधी = मोका
कान = श्रवण प्रदेश = प्रांत  संत = सज्जन, साधू
कावळा = काक प्रवास = यात्रा     संपत्ती = धन, दौलत, संपदा
काष्ठ = लाकूड प्राण = जीव  सायंकाळ = संध्याकाळ 
किल्ला = गड, दुर्ग  पान = पत्र, पत्ता  सावली = छाया   
किमया = जादू  प्रासाद = वाडा  साथी = सोबती, मित्र, दोस्त, सखा 
कार्य = काम  पाखरू = पक्षी स्तुती = प्रशंसा 
कारागृह = कैदखाना, तुरुंग पाऊल = पाय, चरण स्पर्धा = चुरस, शर्यत, होड, पैज
कीर्ती = प्रसिद्धी, लौकिक, ख्याती  पाऊलवाट = पायवाट स्थान = ठिकाण, वास, ठाव  
कुतूहल = उत्सुकता प्रार्थना = स्तवन  स्त्री = बाई, महिला, ललना
कुटुंब = परिवार प्रामाणिकपणा = इमानदारी संध्याकाळ = सायंकाळ, सांज 
कुशल = हुशार, तरबेज    प्रारंभ = सुरुवात, आरंभ   स्फूर्ती = प्रेरणा 
कुत्रा = श्वान   प्रेम = प्रीती, माया, जिव्हाळा स्वच्छता = झाडलोट
कुटी = झोपडी प्रोत्साहन = उत्तेजन सुवास = सुगंध, परिमल, दरवळ 
कुचंबणा = घुसमट पाऊस = वर्षा, पर्जन्य  सुंदर = सुरेख, रमणीय, मनोहर, छान 
कृपण = कंजूष पाणी = जल, नीर, तोय, उदक सागर = समुद्र, सिंधू, रत्नाकर, जलधी
कृश = हडकुळा पिशवी = थैली  सावली = छाया  
कोवळीक = कोमलता पुस्तक = ग्रंथ सामर्थ्य = शक्ती, बळ
कोठार = भांडार पुतळा = प्रतिमा, बाहुले साहित्य = लिखाण
कोळिष्टक = जळमट पुरातन = प्राचीन  सेवा = शुश्रूषा    
खण = कप्पा   पृथ्वी = धरणी, जमीन, वसुंधरा, वसुधा   सिनेमा = चित्रपट, बोलपट 
खडक = मोठा दगड, पाषाण फलक = फळा    सिंह = केसरी, मृगराज, वनराज
खटाटोप = प्रयत्न फांदी शाखा  सुविधा = सोय 
खग = पक्षी फूल = पुष्प, सुमन, कुसुम सुगंध = सुवास, परिमळ, दरवळ
खड्ग = तलवार बदल = फेरफार, कलाटणी  सूत = धागा, दोरा
खरेपणा = न्यायनीती  बर्फ = हिम   सूर = स्वर  
ख्याती = कीर्ती, प्रसिद्धी, लौकिक  बहीण = भगिनी सूर्य = रवी, भास्कर, दिनकर, सविता 
खात्री = विश्वास बक्षीस = पारितोषिक, पुरस्कार  सोने = सुवर्ण, कांचन, हेम
खाली जाणे = अधोगती   बाग = बगीचा, उद्यान, वाटिका  सोहळा = समारंभ 
खिडकी = गवाक्ष बासरी = पावा हद्द = सीमा, शीव 
खेडे = गाव, ग्राम   बेत = योजना हल्ला = चढाई 
खोड्या = चेष्टा, मस्करी  बाळ = बालक  हळू चालणे = मंदगती
गरज = आवश्यकता बाप = पिता, वडील, जनक  हकिकत = गोष्ट, कहाणी, कथा 
गवत = तृण  बादशाहा = सम्राट हात = हस्त, कर, बाहू 
गर्व = अहंकार  बुद्धी = मती  हाक = साद 
गाय = धेनू, गोमाता ब्रीद = बाणा    हित = कल्याण 
गाणे = गीत, गान  भरवसा = विश्वास  हिंमत = धैर्य 
गंमत = मौज, मजा भरारी = झेप, उड्डाण  हुकूमत = अधिकार 
गंध = वास, दरवळ भव्य = टोलेजंग हुरूप = उत्साह 
ग्रंथ = पुस्तक   भाट = स्तुतिपाठक  हुबेहूब = तंतोतंत 
गाव = ग्राम, खेडे भारती = भाषा, वैखरी हेका = हट्ट, आग्रह 
गुन्हा = अपराध भांडण = तंटा   क्षमा = माफी
गुलामी = दास्य  भाळ = कपाळ 
गोड = मधुर   भाऊ = बंधू, सहोदर

3 comments:

  1. Replies
    1. Bro it is very good keep it up

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    2. Sorry i want to say sir misteckly i say bro extreamly sorry sir

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